13 January 2014
blog n°003 – La nostra nuova Rubrica – प्रेम पर कुछ छोटी कविताएं : पंकज राग
...curiosità "poesia Indi sull'Amore"... { पंकज राग की इन ताज़ा कविताओं में अनुभूतियों का विपर्यय है. यह विपर्यय सिर्फ़ प्रेम के परिचित कथोपकथन से दूरी बरत कर प्राप्त नहीं किया जा सकता. इसके लिए ठंडी वस्तुपरकता और मितकथन दरकार है, क्योंकि इन घटकों से मिलकर ही कविता गैररूमानी अभिधात्मक प्रतिफलन से आगे जाने का सामर्थ्य पाती है. कविताओं के साथ दी गई तस्वीर हेनरी मतीस की है. } (तीन) मुझे किताबों में सूखे हुए फूल कभी नहीं मिले एक कम पढ़ी लिखी अनुभूति की तरह मैंने प्यार को हमेशा सरपरस्त किया उसकी तरक्की पर अपनी...